Shendur Lal Chadhayo Achcha Gajmukh Ko

Shendur Lal Chadhayo Achcha Gajmukh Ko

शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ।
दोंदिल राज विराजे सुत गौरीहर को ।
हाथ लिये गुड लड्डू साई सुरवर को ।
महिमा कहे न जाय लागत हू पदको जय देव जय देव ।।१।।
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव ।

अष्टौ सिद्धी दासी संकट को बैरी ।
विघ्नविनाशक मंगलमूरत अधिकारी ।
कोटी सूरजप्रकाश ऐसी छबी तेरी ।
गंडस्थल मदमस्तक झूले शशिबहरी जय देव जय देव ।।२।।
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव ।

भाव भगत से कोई शरणागत आवे ।
संतती संपत्ति सबही भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ।
गोसावी नंदन निशदिन गुण गावे जय देव जय देव ।।३।।
जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव ।

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